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नवंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews.

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 'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews  ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत सुभेदारांच्या घरची धुळवड अगदी उत्साहात साजरी होत असते प्रत्येक जण एकमेकांना रंग लावत असतात मग काही वेळानंतर तेथे पुर्णाआजी येतात तेव्हा अस्मिता पळत  जाते आणि आजी असं म्हणून पुर्णाआजीला  रंग लावते त्या खूपच खुश होतात आणि सायलीकडे पाहतात तर ती एकटीच उभी असल्यामुळे त्या विचारतात ही का अशी उभी आहे ग त्यावेळी अस्मिता म्हणते अर्जुनची वाट पाहत असेल बाकी काय असं म्हणून ती लगेच नाक मुरडते मग काही वेळानंतर तेथे प्रताप येतो आणि म्हणतो पुर्णाआजी मी तुला रंग लावणार असं म्हणून तो देखील आता पुर्णाआजी रंग लावतो तेवढ्यातच कल्पना विमल त्याचबरोबर सायली देखील तेथे येतात सायली पुर्णाआजी रंग लावून म्हणते हॅपी होळी पुर्णाआजी असं म्हणून ती आशीर्वाद देखील घेते तेव्हा त्या देखील सायली ला आशीर्वाद देतात पुढे पुर्णाआजी विचारतात अरे अश्विन आहे कुठे? तेवढ्यातच अश्विन आत येथे येतो आणि पूपुर्णाआजी विचारतात की अरे तू कुठे गेला होतास एवढा वेळ तो म्हणतो मी दादाला बोलवायला गेल

पंजाब में घूमने के दस सबसे प्रमुख स्थल TOP 10 PLACES TO VISIT/DO IN PUNJAB

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पंजाब में घूमने के  दस  सबसे प्रमुख स्थल TOP 10 PLACES TO VISIT IN PUNJAB पंजाब उत्तर भारत में बसा देश के सबसे प्रमुख राज्यों में से एक राज्य हैं। पंजाब अपने सांस्कृतिक विरासत ,खेलकूद प्राकृतिक सौदर्य के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं। इन सब के आलावा पंजाब बड़ी मात्रा में पर्यटकों को भी अपने और आकर्षित करता हैं। कृषि पर्यटन पजाब में काफी बड़ी मात्रा में विकसित हुवा हैं, अगर आप उत्तर भारत घूमने का मन कर रहे हो तो पंजाब आपके लिए एक अच्छा विकल्प देता हैं।  तो चलिए इस ब्लॉग में हम देखेंगे पंजाब के प्रमुख दस पर्यटन स्थल जो पर्यटको कि पहली पसंद होते हैं।   १० हिरके वेटलैंड ( HAIRKE WETLAND)  ये देश का सबसे बड़ा इंसानो द्वारा निर्मित वेटलैंड हैं। ये वेटलैंड सतलज और बियास नदी के संगम पर अमृतसर से २ घंटे की दुरी पर स्थित है। यंहा पर कई सारे रंग बिरंगे पंछीयो का बसेरा है अब तक ३५० से ज्यादा प्रजाति के पंछी यंहा पर पाए गए है। हिरके वेटलैंड ४१०० हेक्टर के एरिया में फैला हैं यंहा पर शेकडो दुर्लभ पेड़ पौधे भी पाए जाते हैं।  ९ पठानकोट (PATHANKOT) पठानकोट जम्मू कश्मीर,हिमाचल प्रदेश के सिमायो से सटीक बसा शहर

हुमायूँन का मकबरा दिल्ली HUMAYUN TOMB DELHI

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 'हुमायूँन' का मकबरा दिल्ली HUMAYUN'S TOMB DELHI. Humayun Tomb Delhi भारत के स्थापत्यकला में मुघलोका काफी बड़ा योगदान है भारत में मुघलो के युग में काफी बड़ी मात्रा में इमारतों महालों का निर्माण हुवा और भारत में एक नए स्थापत्य शैली कागज़ हुवा भारत में पहली बार गुम्बट मीनारे बागान कमाने बड़ी मात्रा में विकसित हुवी । कई सारी इमारते समय के साथ ढह गई तो कई सारी इमारते आज भी भारत की दुनियाभर में शान बने हैं। आज हम इस ब्लॉग में एक ऐसे ही मुग़ल स्थापत्य शैली  के बेजोड़ नमूने की सैर करेंगे जिसने भारत में मुग़ल स्थापत्य शैली का आगाज किया। तो आज हम इस ब्लॉग में सैर करने वाले है दिल्ली में बसे हुमायूँन के मक़बरे की।  भारत में मुघल काल की नीव बाबर ने साल १५२६ में पानीपत की लढाई में इब्राहिम खान लोदी पर विजय प्राप्ति के साथ रखी। बाबर पहिला मुग़ल बादशाह था बाबर के बाद उसका बेटा हुमायूँन मुघलोंका बादशाह बना। हुमायूँन की मौत एक लढाई में हाथी से गिरने के बाद हुवी।  Humayun Tomb Delhi बादशाह हुमायूँन की मौत के बाद उसके पार्थिव को दिल्ली के पुराने किले में दफना दिया लेकिन बाद में हिन्दू राजायो  की तोड़फ

दुर्गराज रायगढ़ महाराष्ट्र RAIGADH FORT MAHARASHTRA

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  दुर्गराज रायगढ़  किला  महाराष्ट्र RAIGADH FORT MAHARASHTRA Raigadh Fort,Maharashtra  इतिहास के महानतम योध्या राजा  छत्रपति शिवाजी महाराज के वीरता  किस्से  हमने  कई सारे किताबो , कहानी और फिल्मों सुने और देखें  हैं। ऐसे महान  राजा की राजधानी कैसी होगी ऐसा सवाल कई सारे लोगो के जहन में आना जायज हैं ,इसी कारण आज हम इस ब्लॉग सैर करेंगे , छत्रपति शिवाजी महाराज की राजधानी  किलों का राजा और राजा का किला दुर्गराज किल्ले रायगढ़ की।  छत्रपती शिवाजी महाराज  के राज्य  की राजधानी राजगढ़ हुवा करती थी लेकिन बाद में राजगढ़ किले पर जगा कम होने के कारण महाराज नई जगह की खोज में थे जंहा पर मराठा राज्य की राजधानी बनाई जा सके। इस बीच महाराज ने जावली पर हमला कर दिया और जावली का यशवंतराव मोरे भाग के रायगढ़ किले पर चुप गया शिवाजी महाराज ने ६ अप्रैल १६५६ में रायगढ़ पर हमला करके किला अपने कब्जे लिया। लेकिन वुस वक्त तक रायगढ़ केवल एक पहाड़ था जब महाराज ने इस पहाड़  को देखा तब शिवाजी महाराज को  इस पहाड़ पर वो हर एक खूबी दिखाई दी। जिसकी प्रतिक्षा में महाराज कई दिनों में  थे। रायगढ़ चारो और से पहाड़ो से और घने जंगल से गिरा हुव