Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल ( हिंदी में )

Travloger is travel blogging website in Hindi and English will share you travel experience in India and around the world also you get details information about particular destination such as Attraction,specialty of that place,historical importance,geography,how to reach there,where to stay ,Shopping,amenity and complete travel guide etc. Travel Blogging in Hindi,Travel blogging in English .Travel video and experience ,Travloger.com in official website of vicky vloger you tube channel.
पुरे देश के माता के पार्वती ५१ शक्तिपीठे है जिनमे से महाराष्ट्र में माता के कुल साडेतीन शक्ती पीठ है जिंमे उस्मानाबाद जिले के तुळजापुर में स्थित मा तुळजाभवानी ,नांदेड के माहूरगढ पर बसी माँ रेणुका देवी कोल्हापूर में स्थित माता महालक्ष्मी और नाशिक जिले के वणी मी बसी माता सप्तशृंगी ये साडेतीन शक्ती पीठ है। इनमे से आज हम इस विडिओ दर्शन करणे वाले है माहूरगढ मी बसी माता रेणुकादेवी माता रेणुकादेवी इक पूर्ण शक्ति पीठ है। महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर से माहरगढ़ लगभग १२६ किमी दूर है और मुंबई से माहूरगढ़ की दुरी लगभग ६४६ किमी हैं। माहुरगढ़ पहुंचने के लिए सबसे नजदिये रेलवे सेशन किनवट है जो की यंहा से ५० किमी दूर है, तो वही नादेंड यंहा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
माहुरगढ़ की रेणुका माता भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम की माता थी पुराणों की माने तो रेणुका माता का विवाह जमदग्नि ऋषि के साथ हुवा था जमदग्नि ऋषि के पास एक कामधेनु गाय थी जीसे पाने की कोशिश सहश्रा अर्जुन करते थे लेकिन जमदग्नि ऋषि ने कामधेनु को सहस्रार्जुन को देनेसे मना कर दिया ।जब भगवान् परशुराम अपने घर से बाहर थे तब सहस्रार्जुन ने जमदग्नि ऋषि के आश्रम पर हमला कर दिया और जमदग्नि ऋषि की हाय कर उनकी कामधेनु गे बलपूर्वक ले गया । परशुराम वापस आने पर उन्होंने सारा माहौल देखकर धरती से सारे क्षत्रिय ख़तम करने की प्रतिज्ञा की बाद में अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए भूमि की खोज में भगवान पशुराम माहूरगढ़ पहुंचे जंहा पर भगवान दत्ता ने जमदग्नि ऋषी के अंतिम संस्कार के लिए जगा दी और उस वक्त माता रेणुका देवी सती हो गयी। माता-पिता के मृत्यु पश्यात परशुराम अपनी माँ की याद में काफी दुखी हुवे। परशुराम का दुख भगवान को देखा नही गया और भगवान् ने आकाशवाणी कर दी की तुम्हारी माता फिर से जीवित होकर जमींन के बहार आकर तुम्हे दर्शन देगी बस तुम पीछे मुड़कर देखना नही, लेकिन परशुराम को और ज्यादा इंतज़ार नहीं हो सका और उन्होंने पीछे मूड कर देखा। लेकिन तबतक जमींन के बहार केवल माता रेणुका देवी का सर ही आए था और इसी कारण माहूरगढ़ में माँ रेणुकादेवी के केवल सर की ही पूजा की जाती है।
रेणुका देवी का मंदिर यादव राजायो ने बनाया था मंदिर के मुख द्वार का पुननिर्माण १५४६ में किया गया इस मंदिर का विस्तार १६२४ में किया मंदिर के गर्भगृह में रेणुकामाता का चेहरा ५ फ़ीट ऊँचा और ४ फ़ीट चौड़ा हैं।
रेणुकामाता मंदिर के आलावा भगवान् दत्त जी का मंदिर भी यंहा पर है कहा जाता है की माहूरगढ़ भगवान दत्त जी का जन्मस्थान है। माता महालक्ष्मी और माता तुलजाभवानी कभी मंदिर भी माहूरगढ़ में है नवरात्र के नौ दिनो में यंहा पर महोत्सव का आयोजन किया जाता हैं। रेणुका माता का दर्शन करने के लिए भक्तो की हमेशा से ही भारी भीड़ होती हैं।
CLICK BELOW LINK TO WATCH COMPLETE VIDEO
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
If you have any inquiry let me know.