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Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल ( हिंदी में )

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Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल Top 10 Tourist Places of Odisha  भारत के पूर्वी तट पर स्थित ओडिशा प्राकृतिक सुंदरता , समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वास्तुशिल्प के चमत्कारों का खजाना है। अपने विविध परिदृश्यों, प्राचीन मंदिरों, अतुलनीय समुद्र तटों और वन्यजीव अभ्यारण्यों के साथ, ओडिशा एक अनूठा और समृद्ध यात्रा अनुभव प्रदान करता है। इस ब्लॉग  में, हम ओडिशा के प्रमुख 10 पर्यटन  स्थलों को जानेंगे  जो पर्यटकोंको यँहा आने को मजबूर कर  मंत्रमुग्ध कर देंगे। 10 ) Daringbadi दारिंगबाड़ी:(ଦାରିଙ୍ଗବାଡି |) "ओडिशा के कश्मीर" के रूप में जाना जाता है, दारिंगबाड़ी हरे-भरे घाटियों और कॉफी बागानों के बीच बसा एक खूबसूरत  हिल स्टेशन है।पर्यटक एक सुखद जलवायु का अनुभव कर सकते हैं, आश्चर्यजनक खूबसूरत  झरनों की यात्रा करें, और इस सुरम्य पहाड़ी रिट्रीट की शांति का आनंद लें। 9) Sambalpur संबलपुर:(ସମ୍ବଲପୁର) महानदी नदी के तट पर स्थित संबलपुर विश्व प्रसिद्ध संबलपुरी वस्त्र और भव्य समलेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। दुनिया के सबसे बड़े मिट्टी के ...

कामख्या मंदिर गुवाहाटी असम KAMAKHYA TEMPLE GUVAHATI ASSAM

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 कामख्या मंदिर ,गुवाहाटी, असम KAMAKHYA TEMPLE GUVAHATI ASSAM  पुरे देश में माता पार्वती के ५१ शक्तिपीठे है इनमेसे कुछ प्रमुख विशेष महत्त्वपूर्ण और रहस्यमय  हैं ,इनमे से माता कामख्या एक हैं कामख्या मंदिर असम की राजधानी गुवाहाटी में ब्रम्हपुत्र नदी के किनारे स्थित हैं जो की मुख्य शहर से ९ किमी दूर हैं।  जिस पहाड़ी पर कामख्या मंदिर मौजूद है, उसे नीलांचल या ब्लू हिल के नाम से जाना जाता है। वर्तमान कामख्या मंदिर,जिसे १५६५ ईस्वी में ११ वीं १२ वीं शताब्दी के पुराने  पत्थर के मंदिर के खंडहरों का उपयोग करके  दो अलग-अलग शैलियों के संयोजन से पुनर्निर्माण किया गया था। कामाख्या मंदिर पारंपरिक नगाड़ा याने  उत्तर भारतीय और सारसेनिक याने  मुगल शैली का अनूठा मिक्सचर हैं। इस अनोखे संयोजन शैलियों को अब नीलांचल स्टाइल ऑफ आर्किटेक्चर का नाम दिया गया है , आसाम एंव उत्तर भारत में कई  सारे मंदिर इस शैली में बनाये गए हैं ।   प्रचलित कथा के अनुसार देवी सती ने भगवान शिव से शादी की. इस शादी से सती के पिता राजा दक्ष खुश नहीं थे. एक बार राजा ...

माता सप्तश्रृंगी वणी नाशिक महाराष्ट्र SAPTSHRUNGI VANI NASHIK MAHARASHTRA

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माता सप्तश्रृंगी ,वणी नाशिक महाराष्ट्र SAPTSHRUNGI VANI NASHIK MAHARASHTRA  पुरे देश के माता के पार्वती  ५१  शक्तिपीठे है  जिनमे  से महाराष्ट्र में  माता के कुल साडेतीन शक्ती पीठ है जिंमे उस्मानाबाद जिले के  तुळजापुर  में स्थित मा तुळजाभवानी  ,नांदेड के माहूरगढ पर बसी माँ  रेणुका देवी  कोल्हापूर में स्थित माता  महालक्ष्मी  और नाशिक जिले के वणी मी बसी  माता  सप्तशृंगी ये साडेतीन शक्ती पीठ है। इनमे से आज हम इस वीडियो में दर्शन करने वाले है नाशिक जिले के वणी में बसी माता सप्तश्रृंगी का, सप्तश्रृंगी पोहचने के लिए सबसे नजदीकी रेल्वे स्टेशन है निफाड़ जो यंहा  से ३९ किमी  दूर हैं नाशिक यंहा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है जो की यंहा से ५५ किमी हैं।   माता सप्तश्रृंगी का यह  मंदिर एक अर्धशक्तिपीठ है,महाराष्ट्र के नाशिक जिले के वणी  में माता सप्तशृंगी विराजमान है। नासिक से करीब 55 किलोमीटर की दूरी पर 4800 फुट ऊंचे सप्तश्रृंंगी पर्वत पर माता का मंदिर हैं । सप्तश्रृंगी मंदिर स्थित मां की ...

रेणुकादेवी माहूरगढ़ ,नांदेड़ महाराष्ट्रा (RENUKADEVI MAHURGADH NANDED MAHARASHTRA)

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 रेणुकादेवी माहूरगढ़ ,नांदेड़ महाराष्ट्रा  (RENUKADEVI MAHURGADH NANDED MAHARASHTRA) पुरे देश के माता के पार्वती  ५१  शक्तिपीठे है  जिनमे  से महाराष्ट्र में  माता के कुल साडेतीन शक्ती पीठ है जिंमे उस्मानाबाद जिले के तुळजापुर  में स्थित मा तुळजाभवानी ,नांदेड के माहूरगढ पर बसी माँ  रेणुका देवी कोल्हापूर में स्थित माता  महालक्ष्मी और नाशिक जिले के वणी मी बसी  माता  सप्तशृंगी ये साडेतीन शक्ती पीठ है। इनमे से आज हम  इस विडिओ दर्शन करणे वाले है माहूरगढ मी बसी माता रेणुकादेवी माता रेणुकादेवी इक पूर्ण शक्ति पीठ है।  महाराष्ट्र के नांदेड़ शहर  से माहरगढ़  लगभग १२६ किमी दूर है और मुंबई से माहूरगढ़ की दुरी लगभग ६४६ किमी हैं। माहुरगढ़ पहुंचने के लिए सबसे नजदिये रेलवे सेशन किनवट है जो की यंहा से ५० किमी दूर है, तो वही नादेंड यंहा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।  माहुरगढ़ की रेणुका माता भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान परशुराम की माता थी पुराणों की माने तो रेणुका माता का विवाह जमदग्नि ऋषि के साथ हुवा था जमदग्नि ऋष...

महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर महाराष्ट्र (MAHALAXMI TEMPLE KOLHAPUR MAHARASHTRA)

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 महालक्ष्मी मंदिर कोल्हापुर,महाराष्ट्र (MAHALAXMI TEMPLE KOLHAPUR MAHARASHTRA) पुरे देश के माता के ५१ शक्तिपीठे है  जिनमे  से महाराष्ट्र में  माता के कुल साडेतीन शक्ती पीठ है जिंमे उस्मानाबाद जिले के तुळजापुर  में स्थित मा तुळजाभवानी ,नांदेड के माहूरगढ पर बसी माँ  रेणुका देवी कोल्हापूर में स्थित माता  महालक्ष्मी और नाशिक जिले के वणी मी बसी  माता  सप्तशृंगी ये साडेतीन शक्ती पीठ है।   इनामे से आज हम  इस विडिओ दर्शन करणे वाले है कोल्हापुर की  आई अंबाबाई याने माता महालक्ष्मी का मा महालक्ष्मी को करवीर निवासी भी काही जाता है।   कोल्हापुर के महालक्मी मंदिर का इतिहास काफी लम्बा है इस मंदिर का निर्माण चालुक्या राजा के समय में ७ वि सदी में हुवा था।  मूल मंदिर का निर्माण 7वीं सदी के चालुक्य शासक कर्णदेव ने करवाया था। 11 वीं सदी में कोल्हापुर के शिलाहार राजवंश के समय मंदिर का विस्तार हुआ। शिलाहार वंश के राजा कल्याणी  के चालुक्यों के मातहत कोल्हापुर में शासन करते थे। मंदिर के आसपास शिलाहार राजवंश के अलावा देव...