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'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत सुभेदारांच्या घरची धुळवड अगदी उत्साहात साजरी होत असते प्रत्येक जण एकमेकांना रंग लावत असतात मग काही वेळानंतर तेथे पुर्णाआजी येतात तेव्हा अस्मिता पळत जाते आणि आजी असं म्हणून पुर्णाआजीला रंग लावते त्या खूपच खुश होतात आणि सायलीकडे पाहतात तर ती एकटीच उभी असल्यामुळे त्या विचारतात ही का अशी उभी आहे ग त्यावेळी अस्मिता म्हणते अर्जुनची वाट पाहत असेल बाकी काय असं म्हणून ती लगेच नाक मुरडते मग काही वेळानंतर तेथे प्रताप येतो आणि म्हणतो पुर्णाआजी मी तुला रंग लावणार असं म्हणून तो देखील आता पुर्णाआजी रंग लावतो तेवढ्यातच कल्पना विमल त्याचबरोबर सायली देखील तेथे येतात सायली पुर्णाआजी रंग लावून म्हणते हॅपी होळी पुर्णाआजी असं म्हणून ती आशीर्वाद देखील घेते तेव्हा त्या देखील सायली ला आशीर्वाद देतात पुढे पुर्णाआजी विचारतात अरे अश्विन आहे कुठे? तेवढ्यातच अश्विन आत येथे येतो आणि पूपुर्णाआजी विचारतात की अरे तू कुठे गेला होतास एवढा वेळ तो म्हणतो मी दादाला बोलवायला गेल
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भारत का प्राचीन बौद्ध केंद्र साँची का महान स्तूप मध्यप्रदेश ANCIENT BUDDHIST CENTER GREAT STUPA OF SANCHI MADHYA PRADESH
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भारत का प्राचीन बौद्ध केंद्र साँची का महान स्तूप मध्यप्रदेश ANCIENT BUDDHIST CENTER GREAT STUPA OF SANCHI MADHYA PRADESH
Sanchi Stupa Vidhisha Madhya Pradesh
भारत में एक समय ऐसा भी था की पूरा भारत वर्ष महात्मा गौतम बुद्ध के विचारोसे प्रभावित था,और देश के कोने कोने में बौद्ध धर्म पहुंच कर संपूर्ण -एशिया में भी फैला था ,और ईसके प्रमाण आज भी हमें पुरे भारत वर्ष में देखने को मिलते हैं। भारत और भारत के बहार बौद्ध धर्म को पहुँचाने का काम बौद्ध सम्राट अशोक महान ने किया था। इतिहासकारो की माने तो सम्राट अशोक ने पुरे भारत में ८४००० स्तूपों का निर्माण किया था , आज हम इनमेसे से एक सबसे खूबसूरत मशहूर और महत्वपूर्ण बौद्ध स्तूप की सैर करेंगे जो एक विश्व धरोहर स्थल हैं जी हाँ हम बात कर रहे है साँची के विश्व प्रसिद्ध स्तूप की।
साँची का महान स्तूप भारत की सबसे प्राचीन संरचनाओ में से एक है ,ईसा पूर्व तीसरी सदी में सम्राट अशोक महान ने इसे बनवाया था। साँची बौद्ध महान स्तूप के लिये प्रसिद्ध है जो भारत के मध्यप्रदेश राज्य के रायसेन जिले के साँची शहर में स्थित है और भोपाल से उत्तर-पूर्व में 46 किलोमीटर दूर ,तथा विदिशा से केवल १० किमी दूर एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। बस या रेलवे से जाते वक्त साँची स्तुप का खूबसूरत दॄश्य दूर से ही दिखाई देता हैं। कहा जाता है की सम्राट अशोक की पत्नी महारानी देवी विदिशा के एक व्यापारी की बेटी थी जिसका विवाह सम्राट अशोक से साथ साँची में ही हुवा था और महारानी देवी की जन्मस्थली भी साँची ही थी ईस स्तूप के निर्माण का कार्य सम्राट अशोक की पत्नी महारानी देवी की निगरानी में हुवा था ।
इस महान स्मारक को भगवान बुद्ध के अवशेषों के आधार पर बनाया गया |साँची के स्तूप का निर्माण सर्व प्रथम सम्राट अशोक के समय में ईंटो से किया गया था और ईसके चारो दिशा में चार महाद्वार भी बनवाये थे। साँची में कुल तीन स्तूप है और ४५ से भी ज्यादा छोटे बड़े स्मारक और मंदिर भी है । ईस निर्माण की शुरवात सम्राट अशोक के समय में याने के ईसा पूर्व तीसरी सदी में हुवा था जो ईसा की १२ सदी तक चलता रहा।
साँची के स्तूप के १९८९ में UNESCO ने अपनी विश्व धरोहर की सूचि में इसे सूचीबद्ध किया।
सांची दुनयाभर के प्रसिद्ध स्थानों में से एक है, जिन्हें केवल भारत में ही मान्यता नहीं मिली है, बल्कि आज पूरे विश्व में साँची एक बौद्ध धर्म का एक महान केंद्र बन गया है और उसका प्राचीन वैभव उसे फिर से बहाल हो चूका हैं।
सर्व प्रथम ईस स्मारक को ईटो बनाया गया था लेकिन बाद में राजा पुष्पमित्र श्रृंग ने इसे तोड़ दिया इतिहास में पुष्पमित्र श्रृंग मौर्यो का सेनापति था लेकिन उसने कपट से मौर्य राजा बृहद्रुत की हत्या कर राजा बना था बाद में उमने साँची स्तूप को काफी क्षति पहुंचाए लेकिन बाद के राजा अग्निमित्र ने इसकी मरम्मत करवाई और इसे पत्थर से ढक दिया। और अब स्तूप अपने वास्तविक आकर से और भी ज्यादा विशाल हो गया था। साँची के स्तूप की खोज १८१८ में हुवी बाद में ब्रिटिश अधिकारी सर जॉन मार्शल ने स्तूप को पुनर्रस्थपित किया।
सांची स्तूप एक विशाल अर्ध-परिपत्र, गुंबद के आकार का कक्ष है जिसमें भगवान बुद्ध के अवशेषों को शांतता से दर्शाया है। यह स्तुप लगभग 16.5 मीटर ऊँचा है, और इसका व्यास 36 मीटर है।
Sanchi Stupa's Entrance Vidhisha Madhya Pradesh
सातवाहन राजा गौतमीपुत्र सातकर्णी ने स्तूप के चार दिशा के सामने प्रवेशद्वार तोरण और स्तूप के चारो और कटघरा बना लिया। साँची के कटघरों का निर्माण 180-160 सदी से भी पहले बनाये गए थे ये काम श्रृंग राजा अग्निमित्र ने करवाया था बाद में इन्हें पत्थरो से आभूषित किया वो सातवाहन राजा सातकर्णि ने। स्तूप के तोरण और कटघरे में महात्मा बुद्धा के जीवन से संबंधित कुछ घटनाये और जातक कथाएँ वंहा पर उकेरी गयी हैं। बुद्धा के जीवन से संबंधित कुछ घटनाये भी वहा प्रदर्शित की गयी है।
प्राचीन एंव मध्ययुगीन भारत में साँची बौद्ध अनुयायियोंका महत्वपूर्ण केंद्र था। आज भी साँची में देश विदेश से लाखो की तादात के में पर्यटक यंहा आते है।
महान बौद्ध भिक्षु सारिपुत्र और मोग्गालयन के समाधी स्थल/विहार भी साँची में है। सम्राट अशोक द्वारा बनाया गया स्तंभलेख भी पर्यटकों को साँची स्तुप के दक्षिण द्वार के सामने देखने को मिलता है।
कैसे पहुंचे ?
साँची पहुंचने के लिए यंहा का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है भोपाल जो की साँची से लगभग ४६ किमी दूर है।
अगर आप रेल्वे से पहुँचाना चाहते हो तो साँची तक रेल्वेसे पहुँच सकते हो साँची रेल्वे स्थानक स्तूप से केवल २ किमी दूर है।
विदिशा रेलवे स्थानक से सांची स्तूप से १० किमी दूर है। साँची की तुलना में विदिशा से रेलगाड़ीयो की तादात बहुत ज्यादा है यहाँ पर मुंबई ,दिल्ली और देश के अन्य महत्वपूर्ण स्थानक से रेलवे की अवाजाबी दिनभर चलती है ।
सांची देश के प्रमुख शहरो से पक्की सड़को के साथ जुड़ा है। भोपाल,रायसेन और विदिशा से राज्य प्रशासन की बसेस नियमित रूप से साँची के लिए चलती है।
कहा पर ठहरे ?
सांची एक छोटा गांव है सांची से ज्यादा अच्छे होटल विदिशा में मौजूद है। साँची में भी कई होटल पर्यटकोंको रहने की सुविधा देने में हमेंशा तयार रहते।
सस्ते दाम में अच्छा होटल बुक करने के लिए निचे दिए लिंक पर जाकर होटल बुक किया जा सकता है।
'ठरलं तर मग' आजचा भाग १ एप्रिल Tharal Tar Mag Today's Episode Review ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत अस्मिता म्हणते ते सर्वकाही तन्वी ने केलं मी नाही त्यावेळी कल्पना म्हणते तन्वी माझी मुलगी नाहीये तू माझी मुलगी आहे अगं तुझ्यावर आम्ही एवढे दिवस जे काही संस्कार केलेत ना ते तर वाया जाऊ देऊ नकोस आणि तुझा प्रायचित्त हेच असेल या होळीसमोर तू आता सायलीची माफी मागायचीस त्यावेळी सायली म्हणते आई या सर्वांची गरज नाहीये. कल्पना म्हणते की सायली तू जरा थांब असं म्हणून ती अस्मिताला पुन्हा पुन्हा सांगू लागते की सायलीची माफी माग पटकन अस्मिता म्हणते मी अजिबात माफी मागणार नाहीये तेंव्हा प्रताप म्हणतो तुझ्या आईचा ही माफी माग कारण घरामध्ये जेव्हा आनंदाचे क्षण आले आहेत तेव्हा तुझ्यामुळे त्यावर विरजण पडलय आता आडवेढे न घेता लगेच तू सायलीची माफी माग असं प्रताप म्हणतो आता तिचाही नाईलाज होतो म्हणून ती पुढे येते आणि साईलीला म्हणते माझ्याकडून चूक झाली मला माफ कर असं म्हणून ती आता लगेच होळीमध्ये नारळी टाकते. सायलीचा तिला खूप राग आलेला असतो मग आता कल्पना म्हणते खऱ्या अर
औरंगाबाद घूमने की १० प्रमुख जगह Top 10 Tourist Attractions of Aaurangabad Ellora Caves Aurangabad Maharashtra औरंगाबाद को महाराष्ट्र की टूरिज्म कैपिटल कहा जाता है औरंगाबाद वर्ल्ड टूरिस्ट के नक़्शे पर कई दशकों से है सदियों से विदेशी सैलानिओ का औरंगाबाद पसंदिति का पर्यटन स्थल है तो चलिए इस ब्लॉग में हम जानते है औरंगाबाद की घूमने की प्रमुख १० जगह. १० म्हैसमाळ Mhaismaal Aurangabad Maharashtra म्हैसमाळ ये औरंगाबाद जिले का एकलौता हिलस्टेशन है जो दौलताबाद नजदीक ही स्थित है मानसून में इसकी खूबसूरती और भी बहर जाती है | इसे मराठवाड़ा का महाबलेश्वर भी कहते है म्हैसमाळ औरंगाबाद से ४० किमी की दुरी पर है | ९ सिद्धार्थ गार्डन Siddharth Garden & Zoo Aurangabad सिद्धार्थ गार्डन एंव चिड़िया घर ये गार्डन शहर के बीचोबीच बसा है यंहा पर भगवान बुद्धा की एक बेहद ही खूबसूरत मूर्ति है |यंहा के चिड़िया घर में शेर बाघ से लेके हर जंगली जिव पर्यटकोको देखने को मिलते है,तथा सापो की विविध प्रजातियां भी पर्यटक देख सकते है | ८ पानचक्की पानचक्की औरंगाबाद शहर के बाबा शाह
'ठरलं तर मग' आजचा भाग 30 मार्च 2024 'ठरलं तर मग' या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत अर्जुन आवरत असतो तेवढ्यातच सायली तेथे आणि म्हणते सर तुमची कॉफी तेव्हा अर्जुनाता तिच्याकडे पाहतो आणि तिला म्हणतो तुम्ही किती छान दिसताय मिसेस सायली असं म्हणून तो आता तिच्याकडे पाहतच राहतो आणि हसत असते अर्जुन म्हणतो तुमची साडी खूप छान आहे असं म्हणून तो अगदी तिच्या जवळ येतो तर सायली आता खूपच लाजत असते.त्यावेळी अर्जुन अगदी तिच्या जवळून दुसरीकडे जातो तर सायली आता त्याच्या स्वप्नांमध्ये हरवून जाते काही वेळानंतर अर्जुन म्हणतो मिसेस सायली माझी सर्व तयारी झाली आहे. सायली म्हणते काय म्हणालात सर तुम्ही आता गाणी का लावली होती अर्जुन म्हणतो मी गाणी लावली आणि कधी मी गाणी काय सकाळी सकाळी असं म्हणून तो तिला विचारू लागतो त्यावेळी सायली म्हणते मला गाण्याचा आवाज कसा येत होता तेंव्हा अर्जुन म्हणतो की तुमची तब्येत तर बरी आहे ना डॉक्टरांना बोलवायचं का असं म्हणून तिला ताप आहे की काय चेक करत असतो सायली आता
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