'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews.

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 'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews  ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत सुभेदारांच्या घरची धुळवड अगदी उत्साहात साजरी होत असते प्रत्येक जण एकमेकांना रंग लावत असतात मग काही वेळानंतर तेथे पुर्णाआजी येतात तेव्हा अस्मिता पळत  जाते आणि आजी असं म्हणून पुर्णाआजीला  रंग लावते त्या खूपच खुश होतात आणि सायलीकडे पाहतात तर ती एकटीच उभी असल्यामुळे त्या विचारतात ही का अशी उभी आहे ग त्यावेळी अस्मिता म्हणते अर्जुनची वाट पाहत असेल बाकी काय असं म्हणून ती लगेच नाक मुरडते मग काही वेळानंतर तेथे प्रताप येतो आणि म्हणतो पुर्णाआजी मी तुला रंग लावणार असं म्हणून तो देखील आता पुर्णाआजी रंग लावतो तेवढ्यातच कल्पना विमल त्याचबरोबर सायली देखील तेथे येतात सायली पुर्णाआजी रंग लावून म्हणते हॅपी होळी पुर्णाआजी असं म्हणून ती आशीर्वाद देखील घेते तेव्हा त्या देखील सायली ला आशीर्वाद देतात पुढे पुर्णाआजी विचारतात अरे अश्विन आहे कुठे? तेवढ्यातच अश्विन आत येथे येतो आणि पूपुर्णाआजी विचारतात की अरे तू कुठे गेला होतास एवढा वेळ तो म्हणतो मी दादाला बोलवायला गेल

चीन की महान दिवार के बारे में रोचक तथ्य ( Reality Of Great Wall of China)

चीन की महान दिवार के बारे में रोचक (Reality Of Great Wall of China)



पूरी दुनिया में 7 अजूबे माने जाते हैं जिनमें मिस्र के पीरामिड ,भारत का ताजमहल और चीन की महान दीवार सबसे प्रमुख और लोकप्रिय हैं। चीन की दीवार अपने निर्माण के समय से ही , मजबूती और पुराने इतिहास के कारण विश्व प्रसिद्द है. आइये इस ब्लॉग में चीन की दीवार के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं।


चीन की विशाल दीवार मिट्टी और पत्थर से बनी एक किलेनुमा दीवार है  चीन में ईसा पूर्व पाँचवीं शताब्दी में चीन के उत्तरी दिशा से होने वाले खास तौर पर  मंगोल और तुर्को  के आक्रमणसे बचने के लिए कुई, यान और जाहो  राजयो ने इस दीवार का निर्माण  मिटटी और कंकड़ सी बनी ईटों किया था। चीन की यह महान दीवार 2,300 से अधिक साल पुरानी है। 

1970 में चीन की ग्रेट वॉल ऑफ चाइना को आम पयर्टकों के लिए खोला गया था. इससे पहले चीन में पर्यटकों को आने पर पाबन्दी थी। 


चीन की विशाल दीवार ६,४०० किलोमीटर  के क्षेत्र में फैली है।इसका विस्तार पूर्व में शानहाइगुआन से पश्चिम में लोप नुर तक है और कुल लंबाई लगभग ६४ ०० कि॰मी॰  है। हालांकि पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के हाल के सर्वेक्षण के अनुसार समग्र महान दीवार, अपनी सभी शाखाओं सहित 8,851 कि॰मी॰ (5,500 मील) तक फैली है।अपने उत्कर्ष पर मिंग वंश की सुरक्षा हेतु ईस  दीवार पर दस लाख से अधिक सैनिक नियुक्त थे। यह अनुमानित है, कि इस महान दीवार की  निर्माण परियोजना में लगभग २० से ३० लाख लोगों ने अपना जीवन लगा दिया था। और यह भी मान्यता है यंहा इस दीवार में १० हजार से ज्यादा मजदूरों को  मौत के बाद दफना दिया है और ईसी कारण इस दीवार दुनिया का सबसे बड़ा कब्रस्थान माना जाता है।  इतना ही नहीं तो मानव इतिहास में चीन की महान दिवार ये दुनिया में इंसानों की बनाई सबसे बड़ी संरचना है ।


ईसा २२१ में  किन साम्राज्य से शासको ने पूर्व में बनायी हुई विभिन्न दीवारों को एक कर दिया जो की चीन की उत्तरी सीमा बनी। पांचवीं शताब्दी से बहुत बाद तक ढेरों दीवारें बनीं, जिन्हें मिलाकर चीन की दीवार कहा गया। उस दीवार के अंश के कुछ ही अवशेष बचे हैं। यह मिंग वंश द्वारा बनवाई हुई वर्तमान दीवार के सुदूर उत्तर में बनी थी। ये  दिवार ९  फ़ीट से ३६ फ़ीट ऊँची है और एक सात दस लोक इस दिवार पर एकसाथ चल सकते है तो कुछ जगह महास कुछ सेंटीमीटर ही चौड़ी है। इस दीवार से दूर से आते शत्रुओं पर नजर रखने के लिए शेकडो   बुर्ज और मीनारें भी बनाये गयी थीं। इतनी मजबूत दिवार होने के बावजूद  मंगोल शासक चंगेज खान ने चीन की दिवार लाँधकर १२११ में चीन पर आक्रमण किया था।  

बाद में इस दिवार की मरम्मत कई शाशको ने की इसमें हान, सुई, प्रमुख थे आज यह दीवार विश्व में चीन का नाम ऊंचा करती है, ऐव युनेस्को द्वारा १९८७ से  इसे विश्व धरोहर घोषित है। जिसे देखने के लिए १ करोड़ से भी ज्यादा सैलानी हर साल आते है। 


यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शुमार चाइना वॉल की अब देख-रेख नहीं हो रही है, जिसके कारण इसके नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। दीवार का एक बड़ा हिस्सा प्राकृतिक आपदा और मानवीय लापरवाही के चलते गायब हो चुका है।

ग्रेट वॉल ऑफ चाइना के नाम से जानी जाने वाली यह दीवार अब अटूट संरचना नहीं रही। कई हिस्सों में बंटी यह दीवार 1962 किलोमीटर तक टूट चुकी है। इस ऐतिहासिक संरचना को टूरिस्ट ने भी काफी नुकसान पहुंचाया है। इतना ही नहीं आस-पास के गांव के लोग अपना मकान बनाने के लिए यूनेस्को के इस विश्व धरोहर स्थल से ईंटे तक चुरा रहे हैं और बेच रहे हैं, जिसे रोकने के लिए सरकार ने जुर्माना लगाया है।



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