मिस्र के पिरॅमिड के अनसुने रहस्य (Egyptian Pyramid unknown Truth)
दुनिया की सबसे रहस्यमय वास्तु अगर कोई है तो वो है मिस्र का ग्रेट पिरॅमिड। ये पिरॅमिड इतना भव्य है की आज भी वैज्ञानिक इसकी पहेली को सुलझाने में लगे हैं। हिरोडोटस जैसे बड़े बड़े इतिहासकारो से लेकर बीसवीं सदी के इतिहासकार इसके पीछे की पहेली २ हजार साल से खोजने में जुटे है ,लेकिन इस पिरॅमिड का निर्माण ४५०० हजार साल पाहिले बिना किसी मॉडर्न तकनीकी के सिवाय कैसे किया होगा ये आज भी एक पहेली ही बनकर रहा है जिसे सुलझाने का प्रयास हर साल शेकडो वैज्ञानिक और इतिहासकार करते है।
वैसे देख जाए तो मिस्र में सेकड़ो पिरॅमिड है लेकिन ग़िज़ा का फैरोह खुफु का पिरॅमिड सबसे भव्य है। प्राचीन मिश्र में राजा को फैरोह के नाम से जाना था।
मिस्र के फैरोह को जीवन में देवता बनने की उम्मीद थी। अगली दुनिया की तैयारी के लिए उन्होंने देवताओं के लिए मंदिर और अपने लिए बड़े पैमाने पर पिरॅमिड याने के मकबरे बना दिये — और इसमें वो सब जरूरतमंद चीजें भर दि जिसकी जरुरत फैरोह को अपनी दूसरी दुनिया में होगी।
ग़िज़ा में सबसे पहले फैरोह खुफु के पिरॅमिड का निर्माण ईसा पूर्व २५५० में शुरू हुवा था ये यंहा का सबसे बड़ा पिरॅमिड हैं , जिसकी सतह से कुल ऊंचाई ४८१ फ़ीट है, और इसे बनाने में लगभग २३ लाख पथरोका इस्तेमाल किया गया था, और हर एक शिला का वजन औसतन २. टन से १५ टन हैं और इसे बनाने में लखभाग २० लाख लोगो ने मेहनत की थी।
फैरोह खुफु के बेटे फैरोह खफरी ने बाजु में दूसरा पिरॅमिड ईसा पूर्व २५२० में बनाया उसके पिरॅमिड में स्पिंक्स भी शामिल है। स्पिंक्स रहस्यमय जीव की सरंचना है जिसका शरीर शेर और सर फैरोह का हैं कई शतकों तक स्पिंक्स रेत के अंदर दबा था उनीसवीं शताब्दी में स्पिंक्स पहलीबार दुनिया के सामने आया।
गीज़ा का तीसरा पिरॅमिड पहले दो की तुलना में काफी छोटा है।फैरोह मेनकुरे ने ईसा पूर्व 2490 द्वारा निर्मित, यह एक बहुत अधिक जटिल मुर्दाघर था।
प्रत्येक विशाल पिरॅमिड एक बड़े परिसर का एक हिस्सा है, जिसमें एक महल, मंदिर, सौर नाव के गड्ढे और अन्य विशेषताएं शामिल हैं।
गीज़ा में प्राचीन इंजीनियरिंग करतब इतने प्रभावशाली थे कि आज भी वैज्ञानिक यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि पिरॅमिड कैसे बनाए गए। ईससे एक बात का तो पता चलता है और वो है उस वक्त की कलाकारी और राजकीय इच्छाशक्ति।
इसे बनाने वाले श्रमिक अस्थाई शहर में रहते थे पुरातत्व विभाग द्वारा की गई खुदाई में यंहा पर मिले अवशेषों से पता चलता है की इस सभ्यता ने काफी तरक्की की थी। मिस्र के फैरोह ने ग्रेट पिरॅमिड के निर्माण को एक राष्ट्रिय प्र्जोेक्ट बनाया था जिसे राज्य का हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से योगदान किया था।
ग्रेट पिरॅमिड के अंदर क्या है ?
पिरॅमिड के अंदर क्या है इसका पूरा रहस्य अभी भी पुरी तरह से सुलझा नहीं है। पिरॅमिड के अंदर आ ए दिन नयी नयी गुंफायें और बंद कमरे मिलते हैं। मुख्य रूप से पिरॅमिड के अंदर आजतक पर्यटक किंग चैम्बर ,क्वीन चैम्बर और ग्रैंड गैलरी ही दुनिया के सामने आए है।
पिरॅमिड के अंदर जाने के लिए एक प्रमुख प्रवेश द्वारा बनाया गया है ो उत्तरी दिशा में हैं वर्तमान में जिस द्वार से पर्यटक अंदर प्रवेश करते है उसके ऊपर ये द्वार बना हैं । लेकिन वर्त्तमान में जिस द्वार से पर्यटक अंदर जाते है ये द्वार ८२० ईसा में चोरी के उद्देश्य से बनाया गया था। प्रमुख प्रवेश मार्ग जो की एक ३४५ फ़ीट लम्बी और ३.१ फ़ीट ऊँची ३.४ फ़ीट चौड़ी सुरंग है,जो की निचे की और लोअर चेम्बर में जाती है जिसका निर्माण कार्य अधूरा हैं। कुछ इतिहासकार मानते है की पहले फैरोह खुफु को इसी जगह पर किंग चैम्बर बनाना चाहता था लेकिन आगे जाकर फैरोह ने अपना इरादा बदला। लोअर चैम्बर के रस्ते में ९३ फ़ीट से चढाई वाली एक सुरंग शुरू होती हैं, जो की किंग चैम्बर और क्वीन चैम्बर के और जाती हैं। चढाई वाला पैसेज लगभग १२९ फ़ीट हैं। यंहा से आगे ग्रैंड गैलेरी की शुरवात होती है।ग्रैंड गैलरी की शुरू में ही एक रास्ता क्वीन चैम्बर जाता हैं। ग्रैंड गैलेरी ७ फ़ीट से ७.५ फ़ीट चौड़ी १५३ फ़ीट लम्बी और २८ फ़ीट ऊँची हैं। क्वीन चैम्बर ये पिरॅमिड के बुल्कुल बीचोबीच हैं। क्वीन चैम्बर १८. फ़ीट लम्बा 17.२ फ़ीट चौड़ा और २०. फ़ीट ऊँचा हैं। यंहा और अंदुरनी भाग की खोज हमेशा सुरु रहती है २०११ में यंहा पर की सुरंगो में रोबोट भेजकर अंदर के रहस्य जानने की कौशिश की गयी तो चौकाने वाले खुलासे सामने आये यंहा पर एक के अंदर एक बंद तयखाने मिले।
किंग चैम्बर यँहा का प्रमुख सबसे प्रमुख चैम्बर है ये ३४.४ फ़ीट लम्बा १७.१७ फ़ीट चौड़ा और 19. फ़ीट ऊँचा है यँहा पर ग्रेनाइट पत्थर से बानी खाली कबर भी हैं। इतिहासकरो माने तो पिछले साडेचार हजार सालो में यंहा पर कई बार चोरी की बड़ी घटनाएँ हुवी हैं और उसमे फैरोह खफु की मम्मी भी लुटेरों ने चुराकर ली हैं।
अलेक्ज़ैंडर याने के सिकंदर महान ने जब मिश्र पर आक्रमण किया था तो एक रात सिकंदर ने किंग चैम्बर में गुजारी जाने का जिक्र इतिहास में मिलता हैं ,उसी इतिहास को दोहराते हुवे फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट ने भी जब मिस्र पर आक्रमण किया था तब नेपोलिएन भी किंग चैम्बर में रुकने का मोह नहीं टाल सके और उन्होंने भी किंग चैम्बर में एक रात गुजारी। नेपोलियन वापस जाते समय कई सारे ऐतिहासिक वस्तुए जिनमे कुछ मम्मी भी शामिल थी वो अपने साथ फ्रांस ले गए आज वो सारी ऐतिहासिक विरासत पेरिस के लुरो म्यूजियम में पर्यटकों को देखने को मिलती हैं।
किंग चैम्बर के ऊपर पांच छोटे एक के ऊपर एक चैम्बर बने हैं। जिनमे से चार का छत समतल हैं तो वही सबसे ऊपरी चैम्बर का छत नुकीला हैं।
साल 2017 में, स्कैनपिरॅमिडस परियोजना के तहत वैज्ञानिकों ने म्यूम गैलरी रेडियोग्राफी का उपयोग करते हुए ग्रैंड गैलरी के ऊपर एक बड़ी गुहा की खोज की, जिसे उन्होंने "स्कैन पिरॅमिडस बिग वॉयड" नाम दिया। इसकी लंबाई कम से कम 30 मीटर (98 फीट) है और इसका क्रॉस-सेक्शन ग्रैंड गैलरी के समान है। तीन अलग-अलग तकनीकों के साथ स्वतंत्र पहचान से इसके अस्तित्व की पुष्टि की गई हैं।
कैसे पहुंचे
कैरो मिस्र की राजधानी का शहर हैं जो की दुनिया के प्रमुख शहरो से हवाई मार्ग से जुड़ा हैं और दुनिया से कैरो पोहचने के लिए आसानी से फ्लाइट मिलती हैं। कैरो से ग्रेट पिरामिड केवल ३५ किमी की दुरी पर स्थित है।
कंहा पर ठहरे
कैरो में आनेवाले पर्यटकों को रहने के लिए हर एक कैटागिरी का होटल मिलेगा।
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