'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews.

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 'ठरलं तर मग' आजचा भाग २ एप्रिल २०२४ Tharal tar mag today's episode reviews  ठरलं तर मग या मालिकेच्या आजच्या भागामध्ये आपण पाहणार आहोत सुभेदारांच्या घरची धुळवड अगदी उत्साहात साजरी होत असते प्रत्येक जण एकमेकांना रंग लावत असतात मग काही वेळानंतर तेथे पुर्णाआजी येतात तेव्हा अस्मिता पळत  जाते आणि आजी असं म्हणून पुर्णाआजीला  रंग लावते त्या खूपच खुश होतात आणि सायलीकडे पाहतात तर ती एकटीच उभी असल्यामुळे त्या विचारतात ही का अशी उभी आहे ग त्यावेळी अस्मिता म्हणते अर्जुनची वाट पाहत असेल बाकी काय असं म्हणून ती लगेच नाक मुरडते मग काही वेळानंतर तेथे प्रताप येतो आणि म्हणतो पुर्णाआजी मी तुला रंग लावणार असं म्हणून तो देखील आता पुर्णाआजी रंग लावतो तेवढ्यातच कल्पना विमल त्याचबरोबर सायली देखील तेथे येतात सायली पुर्णाआजी रंग लावून म्हणते हॅपी होळी पुर्णाआजी असं म्हणून ती आशीर्वाद देखील घेते तेव्हा त्या देखील सायली ला आशीर्वाद देतात पुढे पुर्णाआजी विचारतात अरे अश्विन आहे कुठे? तेवढ्यातच अश्विन आत येथे येतो आणि पूपुर्णाआजी विचारतात की अरे तू कुठे गेला होतास एवढा वेळ तो म्हणतो मी दादाला बोलवायला गेल

बिहार के प्रमुख दस पर्यटन स्थल TOP 10 TOURIST PLACES TO VISIT/DO IN BIHAR

बिहार के प्रमुख दस पर्यटन स्थल TOP 10 TOURIST PLACES OF BIHAR



Bhagvan Budha

बिहार देश के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक है भगवान बुद्ध,सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक  पद स्पर्शो से पवित्र ये भूमि अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व के लिए दुनिया भर में मशहूर है। एक समय बिहार भारत  में  बौद्ध धर्म का सबसे महत्वपुर्ण स्थल था यंहा पर बौद्ध धर्म का काफी प्रभाव था और इसकी प्रचिती हमें बिहार इस नाम से ही आती है । बिहार ये नाम विहार इस शब्द से प्रचलित हुवा है विहार का मतलब है बौद्ध मंदिर। बिहार में पर्यटकों को आकर्षित करते कई सारे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है इनमे से हम इस ब्लॉग में देखेंगे प्रमुख दस पर्यटन स्थल ।


10 जानकी मंदिर,सीतामढ़ी

बिहार का सीतामढ़ी भगवान श्री राम की पत्नी सिता का जन्म स्थल है। जिस स्थान पर सीता माँ का जन्म हुवा था उसी स्थान पर एक भव्य मंदिर का निर्माण लगभग १०० साल पाहिले किया कराया गया है। जंहा पर दर्शन करने हजारो की  संख्या में भाविक हर दिन आते है।


9 जलमंदिर,पावापुरी

पावापुरी का जलमंदिर देश के जैन भविकोंके लिए बहुत ही पवित्र स्थल है भगवान महावीर का महापरिनिर्वाण यंहा पर हुवा था। भगवान महावीर की पवित्र राख लोगो ने बड़ी मात्रा में ले जाने से उस जगह पर एक तालाब बना और इस तालाब के बीचोबीच इस संगेमरमर से भगवान महावीर की समाधी स्थल जलमंदिर का निर्माण किया गया । देश और दुनिया से भारी संख्या में श्रद्धालु यंहा पर आते है। तालाब में हर तरफ फैले कमल के फूल इस जगह की शोभा और ही बढ़ाते है।

8 नवलखा पैलेस,राजनगर

नवलखा पैलेस बिहार में मधुबनी के पास राजनगर में स्थित है। इस महल का निर्माण महाराजा रामेश्वर सिंह ने करवाया था।1934 में भूकंप के दौरान इसका व्यापक नुकसान हुआ था।  यह एक शाही महल है और भले ही यह  बहुत ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गया हो, फिर भी  इसकी स्थापत्यकला पर आज भी पर्यटक आश्चर्य व्यक्त करते है। महल परिसर में उद्यान, तालाब और मंदिर भी शामिल थे।

बाराबर गुफाएँ ,सुल्तानपुर

बाराबर गुफाएँ भारत की सबसे पुरानी रॉक-कट गुफाएँ  हैं। इस गुफाएँ का निर्माण  मौर्य साम्राज्य में किया था  ये राजसी गुफाएं निश्चित रूप से बिहार में देखने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक हैं। दो पहाड़ियों पर स्थित - बाराबर और नागार्जुन, गुफाओं का उपयोग अजिविका संप्रदाय द्वारा किया जाता है, हालांकि, यहां बौद्ध और जैन कला के कई निशान पाए जा सकते हैं। बाराबर पहाड़ियों में 4 गुफाएँ हैं, जबकि नागार्जुनी पहाड़ियों में 3 गुफ़ाएँ हैं, जिनमें से प्रत्येक गुफ़ा में अच्छी तरह से पॉलिश की गई है और इसकी दीवारों और छत पर डिजाइन और शिलालेख हैं।

6 शेरशाह सूरी का मकबरा ,ससाराम

भारत को रूपये का चलन देनेवाले और भारत के महान शाशकोंमेसे एक शेरशाह सूरी का बेहद ही खूबसूरत मक़बरा बिहार के सासाराम है। ससाराम बिहार के देखने लायक जगह में से एक है, कृत्रिम तालाब के  बीचो-बीच  में  लाल बलुआ पत्थर से इस मक़बरे  निर्माण साल १५४६ किया गया ।  ये वास्तु इंडो इस्लामिक वास्तु कला का बेजोड़ नमूना पेश करती है।  शेरशाह सूरी का मक़बरा देखने के लिए हजारो की तादाद में पर्यटक ससाराम आते है।  

5 वैशाली



वैशाली एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो कभी लिच्छवी शासकों की राजधानी थी। वैशाली अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मभूमि के रूप में ख्याति प्राप्त है।  भगवान महावीर का जन्म ईसा पूर्व 6 वीं शताब्दी में वैशाली के गणतंत्र कुंडलग्राम में हुआ था। भगवान बुद्ध के समय में वैशाली एक समृद्ध राज्य था, यह  आम्रपाली के लिए भी जाना जाता था। वैशाली का संरक्षित अशोक स्तंभ इस जगह की प्राचीन विरासत का प्रतिक है। इस प्राचीन शहर वैशाली का उल्लेख फा-हि-यान और ह्ए-न-त्संग  जैसे प्रख्यात चीनी यात्रियों के यात्रा खातों में भी है।वैशाली में देखने के लिए विश्व शांति पैगोडा,भारतीय पुरातत्व  संग्रहालय,बावन पोखर मंदिर,चौमुखी महादेव यंहा के प्रमुख आकर्षण है।

4 विश्व शांति स्तूप ,राजगीर

Rajgir Peace Pagoda Bihar




विश्व शांति पैगोडा के नाम से मशहूर विश्व शांति स्तूप ऐतिहासिक शहर राजगीर में गर्व से खड़ा है। यह भारत में निर्मित 7 शांति पैगोडाओं में से एक है जिसे देखने के लिए निश्चित रूप से बिहार में अवश्य जाना चाहिए। विश्व शांति स्तूप को  1969 में शांति और अहिंसा के संदेश को फैलाने के लिए बनाया गया था। बुद्ध की चार मूर्तियों द्वारा चिह्नित, जो बुद्ध के जीवन के चार महत्वपूर्ण चरणों को दर्शाती है - जन्म, ज्ञान, शिक्षण और मृत्यु, यह पीस पैगोडा भारत में जापानी वास्तुकला के बेहतरीन उदाहरणों में से एक है। राजगीर में कई सारे जैन और बुद्ध  मंदिर है, यँहा गरम पानी का झरना भी है  कहा जाता है यंहा पर भगवान बुद्ध और भगवान महावीर दोनों ने स्नान किया था।

3 पाटना 

पाटना इस शहर की स्थापना मगध नरेश अजातशत्रु ने २५०० पहले की थी पाटना दुनिया के सबसे पुरातन रियाशी शहरों में से एक है।  शहर की पुरातन भव्यता आज भी हमें देखने को मिलती है, ये शहर सीखो के दसवे गुरु गुरु गोविन्द सिंहजी के जन्म स्थल के तौर पर जाना जाता है  पाटना में पर्यटकों को देखने के लिए तख़्त श्री  पाटना साहेब ,पादरी की हवेली, बुद्धा स्मृति पार्क,गोलघर ,किला हाउस, पाटना म्यूजियम ये प्रमुख पर्यटन स्थल है।

2 नालंदा

नालंदा एक समय दुनिया का सबसे ज्यादा ख्यातिप्राप्त शिक्षा केंद्र था गुप्त कल में इस विश्विद्यालय की ख्याति पुरे विश्व  में थी प्रसिद्ध चीनी प्रवासी ह्ए-न-त्संग ने यंहा पर लगभग दो साल पढाई की उस समय इस विश्वविद्यालय में १०,००० से ज्यादा छात्र पढाई करते थे, एथ-त्सिंग ने भी यंहा पर अपने जीवन के १० साल बिताये थे । भगवान महावीर और भगवान् बुद्ध ने भी यंहा पर कुछ समय बिताया था भगवान बुद्ध ने यंहा पर अपना प्रवचन देने के भी प्रमाण इतिहास में मिलते हैं। आज नालंदा  में इस भव्य विशवविद्यालय की साक्ष्य देने वाले भव्य अवशेष देखने को मिलते है यंहा पर पुरातन वास्तु संग्रहालय ह्ए-न-त्संग मेमोरिअल ,नालंदा मल्टिमेडिया  म्यूजियम,राजगीर डांस फेस्टिवल जो हर साल अक्टूबर महीने में आयोजित किया जाता है अदि यंहा की प्रमुख देखने लायक जगह है।

1 बुद्धगया

Mahabodhi Temple Bodh Gaya Bihar
 बुद्धगया ये दुनिया बौद्ध अनुयायीओंके के लिए पवित्र स्थल है इसी जगह पर भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुवी थी, जंहा पर एक विराट पिपल  का वृक्ष आज भी खड़ा है । बुद्धगया में महाबोधि मंदिर देखने लायक है इस मंदिर को २००२ में UNESCO ने विश्व धरोहर सूचि में शामिल किया है महाबोधि मंदिर के परिसर में बोधि वृक्ष,मुचलिंदा लेक,थाई टेम्पल मोनेस्ट्री ,रॉयल भूटान मोनेस्ट्री चाइनीस मंदिर और मोनेस्ट्री, बोधगया पुरातन संग्रहालय अदि प्रमुख आकर्षण के केंद्र है।





















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