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Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल ( हिंदी में )

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Top 10 Tourist Places visit/do in Odisha ओडिशा में प्रमुख 10 पर्यटन स्थल Top 10 Tourist Places of Odisha  भारत के पूर्वी तट पर स्थित ओडिशा प्राकृतिक सुंदरता , समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और वास्तुशिल्प के चमत्कारों का खजाना है। अपने विविध परिदृश्यों, प्राचीन मंदिरों, अतुलनीय समुद्र तटों और वन्यजीव अभ्यारण्यों के साथ, ओडिशा एक अनूठा और समृद्ध यात्रा अनुभव प्रदान करता है। इस ब्लॉग  में, हम ओडिशा के प्रमुख 10 पर्यटन  स्थलों को जानेंगे  जो पर्यटकोंको यँहा आने को मजबूर कर  मंत्रमुग्ध कर देंगे। 10 ) Daringbadi दारिंगबाड़ी:(ଦାରିଙ୍ଗବାଡି |) "ओडिशा के कश्मीर" के रूप में जाना जाता है, दारिंगबाड़ी हरे-भरे घाटियों और कॉफी बागानों के बीच बसा एक खूबसूरत  हिल स्टेशन है।पर्यटक एक सुखद जलवायु का अनुभव कर सकते हैं, आश्चर्यजनक खूबसूरत  झरनों की यात्रा करें, और इस सुरम्य पहाड़ी रिट्रीट की शांति का आनंद लें। 9) Sambalpur संबलपुर:(ସମ୍ବଲପୁର) महानदी नदी के तट पर स्थित संबलपुर विश्व प्रसिद्ध संबलपुरी वस्त्र और भव्य समलेश्वरी मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। दुनिया के सबसे बड़े मिट्टी के ...

उदगीर फोर्ट उदगीर ,लातूर महाराष्ट्र Udgir Fort Udgir Latur, Maharashtra

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उदगीर फोर्ट उदगीर ,लातूर महाराष्ट्र  Udgir Fort Udgir Latur, Maharashtra महाराष्ट्र के मराठवाड़ा रेगन का देश के इतिहास में काफी सारा योगदान रहा है इस क्षेत्र पर कई सारे राजा महाराजाओं ने राज्य किया और उनके  इतिहास के साक्ष देने वाले कई सारे महत्वपूर्ण और भव्य किले पर्यटकों के मन  में भारत के वैभवशाली इतिहास की याद दिलाते है। इस वीडियो में हम सफर करने वाले है एक ऐसे ही महत्वपूर्ण किले की जिसका नाम है उदगीर का किला महाराष्ट्र के लातूर जिले के उदगीर तहसील में इस किले का निर्माण चालुक्य राजाओ ने  सं १३४७ में  किया था।  लेकिन इसको असली पहचान मिली बहमनी राजयो के समय बहमनी साम्राज्य का विघटन के बाद ये किला बीदर के सुल्तान के कब्जे में गया बाद में १७३६ में मुघलोंने इसपर कब्ज़ा किया बाद में हैदराबाद के निजाम ने इसे अपने हुकूमत से जोड़ दिया। ३ फेब्रुवारी १७६० में मराठो ने प्रसिद्द उदगीर की लढाई में हैदराबाद के निजाम को बुरी तरह से पराजित करके उदगीर  किले पर अपना नियंत्रण हासिल किया और कहा जाता है की ये मराठो की आखरी बड़ी जीत थी इसके बाद मराठाओ की सेना  पानी...

तख़्त सचखंड श्री हुजूर साहिब नांदेड़ SHRI HUJUR SAHIB NANDED ਤਖ਼ਤ ਸੱਚਖੰਡ ਸ਼੍ਰੀ ਹੁਜ਼ੂਰ ਸਾਹਿਬ ਨੰਦੇੜ

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तख़्त सचखंड श्री हुजूर साहिब  नांदेड़ SHRI HUJUR SAHIB NANDED ਤਖ਼ਤ ਸੱਚਖੰਡ ਸ਼੍ਰੀ ਹੁਜ਼ੂਰ ਸਾਹਿਬ ਨੰਦੇੜ महाराष्ट्र के नांदेड़ में है तख्त सचखंड श्री हुजूर साहिब। यह गुरुद्वारा सिख धर्मों के पांच तख्तों में से एक है। यहां सिक्खों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने अपना आखिरी समय बिताया था। गुरुद्वारे का निर्माण बिल्कुल उसी स्थान पर किया गया, जहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने आखिरी बार दर्शन दिए थे। गुरुद्वारे के भीतरी कक्ष को 'अंगीठा साहिब' कहा जाता है। इसका निर्माण उस स्थान पर किया गया, जहां सन 1708 में गुरु गोबिंद सिंह जी आखिरी बार विद्यमान थे। गुरुद्वारे का निर्माण सन 1832 से 1837 के बीच पंजाब के महाराजा रणजीत सिंह के आदेश पर किया गया था। गुरु गोबिंद सिंह जी की यह अभिलाषा थी कि उनके परलोक चलाणा के बाद संतोख सिंह जी (जो उस समय सामुदायिक रसोईघर की देख-रेख करते थे) नांदेड़ में ही रहें और गुरु के लंगर को निरंतर चलाएं। गुरु साहिब ने कहा था कि बाकी संगत चाहे तो पंजाब वापिस जा सकती है लेकिन गुरु जी के प्रेम और बलिदान को देखते हुए संगत ने वापिस पंजाब जाने से मना कर दिया और नांदेड़ मे...